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Monday 6 February 2017

सरकार के साथ खोलिये कॉमन सर्विस सेंटर, हर महीने 25 हजार होगी इनकम।

आप किसी गांव, पंचायत या कसबे में बिजनेस शुरू करना चाहते है तो,आपके पास अच्छा मौका है.  सरकार की महत्वपूर्ण योजना अर्थात -कॉमन सर्विस सेंटर, जिसको देशभर में १.६ लाख नए कॉमन सर्विस सेंटर खोले जाने है. जिसके तहत लगातार इसका विस्तार किया जा रहा है। 

ऐसे में कॉमन सर्विस सेंटर में १ से २ लाख रूपए  इन्वेस्टमेंट करके आप २० से २५ हजार रूपए महीना आसानी से कमा सकते है। सरकार ने कॉमन सर्विस सेंटर पे प्रोडक्ट सेल करने के ऑप्शन भी बढ़ा दिए है।    
*हाल ही में IRDA ने भी सेंटर को इन्सुरेंस  प्रोडक्ट्स  बेचने की अनूमति दे दी है. 

 क्या है कॉमन सर्विस सेंटर?


नेशनल ई-गवर्नेंस के तहत सरकार सभी सरकारी सर्विस सस्ती दर पर लोगो तक पहुंचाना चाहती है. इसके लिए डिपार्टमेंट ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी द्वारा देशभर में कॉमन सर्विस सेंटर खोले जाने है। एक CSC में सरकारी, प्राइवेट और सोशल सेक्टर जैसे- टेलीकॉम, एग्रीकल्चर, हेल्थ,एजुकेशन, एंटरटेनमेंट, FMCG प्रोडक्ट्स, बैंकिंग और फाइनांसियल सर्विस सभी तरह के प्रमाणपत्र, आवेदन-पत्र और यूटिलिटी बिल की पेमेंट की जा सकती है। 
*सरकार की योजना है की आने वाले दिनों में एक csc से ३०० प्रकार से अधिक सेवा मिले। 

किन चीजो की है जरुरत csc खोलने के लिए?
 यदि आप CSC खोलना चाहते है तो आपके पास कम से कम १०० से  १५० वर्गफुट की जगह होने चाहिए। इसके अलावा कम से कम एक कंप्यूटर(UPS के साथ), एक प्रिंटर, डिजिटल वेब कैमरा, जेनसेट/इन्वर्टर या सोलर पैनल, ऑपरेटिंग सिस्टम और एप्लिकेशन सॉफ्टवेर तथा ब्रॉडबैंड कंनेक्शन होने चाहिए। 
इन सबके लिए कम से कम आपको ५०००० हजार  रूपए ख़र्च करनने पढ़ सकते है! 

कैसे बन सकते है कॉमन सर्विस सेंटर -
CSC बनने के लिए आपके पास  चाहिए। इसके जरिये आप CSC.GOV.IN  पर रजिस्ट्रेशन करा सकते है. उसके आधार के बाद आपको एक OTP नंबर मिलेगा, इसके जरिये आपका वेरिफिकेशन होगा तथा आप CSC के लिए अप्लाई के पात्र हो जायेंगे। यदि आप ऑफलाइन  आवेदन  करनन चाहते है तो आप अपने ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों से ये करा सकते है। 

कौन-कौन से सर्विस मिलेगी CSC में? 

*पैन कार्ड , आधार कार्ड, इलेक्शन कार्ड, मतदाता सूचि में नाम जुड़वाना, पहचान पत्र, पासपोर्ट बनाने की सुविधा दी जा सकती है। इसके अलावा आप मोबाइल बैंकिंग, मोबाइल रिचार्ज , बिल पेमेंट, DTH  रिचार्ज , इंस्टेंट मनी ट्रांसफर, डाटा कार्ड रिचार्ज, LIC प्रीमियम, रेड बस , SBI लाइफ इन्सुरेंस ,  बिल क्लाउड जैसे निजी सेवाएं भी उपलब्ध करा सकते है। CSC में प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रम, डिजिटल लिटरेसी प्रोग्राम,वोकेशनल व् स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग दी जा सकती है। किसानों को CSC  के माध्यम से मौसम की जानकारी व् मिटटी की जांच जैसी मूलभूत सुविधाएं दिया जा सकता है। इतना ही नहीं टेलीमेडिसिन सर्विस भी लोगो को उपलब्ध कराई जा सकती है। 

CSC  से ऐसे हो रही है कमाई- 
टेलीकॉम मिनिस्ट्री के रिसर्च के अनुसार अब ग्रामीण इलाको में ज्यादा से ज्यादा सुचना प्रौद्योगिकी की पहुच बढ़ रही है। इन्टरनेट की सेवा गॉवो में तेजी से पैर पसार रही है. इन सेंटरों में ID  कार्ड, शादी कार्ड, की प्रिंटिंग तथा डाक्यूमेंट्स की लेमिनेशन, सस्कैनिंग व् प्रिंटिंग होती है. स्टूडेंट्स को कम्प्यूटर सिखाया जाता है, तथा आसपास के गॉवो के युवाओ को वेकैंसी फॉर्म भी उपलब्ध कराई जा रही है। 
*इस तरह से देखा जाये तो यह गांव में स्वरोजगार के साथ समाज कल्याण के लिए  सुनहरा अवसर है।       

   

पोस्ट ऑफिस के साथ जुड़िये, कमाये 25 हजार महीना।

आपके लिए भारत सरकार के साथ जुड़कर काम करने का अच्छा मौका है. भारत सरकार का उपक्रम इंडिया पोस्ट अथवा पोस्ट ऑफिस के साथ के साथ मिलकर कमाई करने का अच्छा मौका है।
इसके लिए बस आपको पोस्ट ऑफिस से फ्रेंचाइजी लेनी होगी. जिसके बाद आप आसानी से हर महीने १५ से २० हजार रूपए कम सकते है। इंडिया पोस्ट सर्विस आपको पांच तरह की बिजनेस करने के मौका देती है।


कौन सा बिजनेस कर सकते है शुरू?

*स्टाम्प और स्टेशनरी की बिक्री.
*रजिस्ट्री और स्पीड पोस्ट बिक्री.
*बिल, टैक्स कलेक्शन, और पेमेंट सर्विसेज
*पोस्टल लाइफ इन्सोरेन्स
*ई-गवर्नेंस प्रोजेक्ट
इस तरह से ये बिजनेस कर सकते है।
यह है बिजनेस मॉडल- 
^इंडिया पोस्ट के फ्रेंचाइजी के लिए १ से २ लाख रूपए का इन्वेस्टमेंट होना जरुरी है.
^इसके आलावा फ्रेंचाइजी को महीने में कम से कन ५० हजार रूपए का सेल्स करना भी जरुरी है.
^जिसका इंडिया पोस्ट हर ६ महीने में रिव्यु करेगा.
^साथ ही मिनिमम सेक्युरिटी डिपाजिट का रकम ५००० हजार रूपए होगी. जो की NSC के रूप में ली जाएगी.

क्या है योग्यता इस बिजनेस मॉडल के लिए?

इसमें फायदा यह है की  इस बिजनेस मॉडल का फ्रेंचाइजी कोई भी ले सकता है. साथ ही कोई इंस्टिट्यूट्स जैसे- कॉलेज, पॉलिटेक्निक, यूनिवर्सिटी अथवा स्पेशल इकनोमिक जोन भी अप्लाई कर सकता है।
*व्यक्ति की उम्र कम से कम १८ वर्ष हो, और वह न्यूनतम १०वी पास हो.
*उम्र की अपर लिमिट नहीं है.

लोकेशन के लिए प्रमुख शर्ते निम्न है- 

इंडिया पोस्ट कॉउंटर के लिए फ्रेंचाइजी देता है. इसके तहत तय प्रोडक्ट्स की सप्लाई इंडिया पोस्ट के तहत ही होगी. लेकिन पोस्ट ऑफिस से अपने आउटलेट्स तक लाने की जिम्मेवारी फ्रेंचाइजी की होगी।
*फ्रैंचाइजी के लिए प्रोडक्ट्स को पोस्ट ऑफिस तक पहुचने के लिए एक तय समय निश्चित होगा, उसी अवधि में आउटलेट को पोस्ट ऑफिस तक पहुचना होगा.
*जहा पर आउटलेट खोलना है, उसकी लोकेशन बेहतर जगह होनी चाहिये. जो खुद की हो सकती लीज य किराये पर भी लिया जा सकता है। आउटलेट्स खोलने के लिए एप्लिकेंट को प्लान देना होगा। जिसमे उसे यह बताना होगा की वो जिस जगह यह आउटलेट खोलेगा उस जगह से उसे महीने में कितना रेवन्यू प्राप्त होगा।

ट्रेनिंग और अवार्ड का मौका-

जिंकका सिलेक्शन फ्रेन्चाइसी के लिए हो जायेगा, उनको पोस्टल डिपार्टमेंट के तरफ से ट्रेनिंग भी मिलेगी. जोकि सब डिविज़नल इंस्पेक्टर के जरिये दी जाएगी।
इसके आलावा जो फ्रेन्चाइसी पेमेंट के लिए पॉइंट ऑफ़ सेल्स मशीन का यूज करेंगे, उन्हें बार कोडेड स्टिकर भी मिलेगा।
इसके आलावा ब्रांडिंग के लिए स्टैण्डर्ड साइनेज भी फ्रेन्चाइसी को दिया जायेगा. जोकि हेड पोस्ट ऑफिस अथवा सब ऑफिस से मिलेगा.
इसके आलावा हर साल बेहतर प्रदर्शन करने वाले फ्रेन्चाइसी को अवार्ड भी मिलेगा.

कितना मिलेगा कमिसन?

*किसी आर्टिकल की रजिस्ट्री पे २ रूपए मिलेगा.
*स्पीड-पोस्ट की बुकिंग पे भी २ रूपए मिलेगा.
*मनीऑर्डर पे ३.५० रूपर मिलेगा.
*फ्रेन्चाइसी १०० रूपए से कम का मनीऑर्डर नहीं कर सकेगा.
*हर महीने १००० से ज्यादा स्पीडपोस्ट अथवा रजिस्ट्री करने के २०% अतिरिक्त कमिसन मिलेगा.
*पोस्टल स्टाम्प, स्टेशनरी या मनीऑर्डर फार्म पर सेल अमाउंट का ५ फीसदी मिलेगा.
*फ्रेन्चाइसी के लिए अन्य दूसरी जानकारी के लिए आप निम्न अड्रेस पे जा सकते है-

                                   indiapost.gov.in 

Sunday 5 February 2017

ट्यूशन से घर बैठे कमाई।

दोस्तों आज हम आपको बताने जा रहे है इस तेजी से बढ़ती हुयी इंडस्ट्रीज मतलब शिक्षा का व्यापर के बारे में। जी हाँ दोस्तों आजकल के प्रतियोगिता वाले इस युग में शिक्षा केवल एक शिक्षा न रहकर बहुत बड़े पैमाने पर व्यापार बन के उभरा है।
अगर हम भारत अथवा विश्व की बात करे तो टॉप- ३ में शिक्षा का व्यवसाय है।
तो आइये जाने शिक्षा के इस व्यापर में कैसे उतरे?
*ट्यूशन देने के कई प्रकार है, जिन्हें हम यहाँ बताएँगे-
होम ट्यूशन - आजकल गांव हो य शहर गली मोहल्ले सब जगह के लोग इस प्रतियोगी दुनिया से वाकिफ है. और पेरेंट्स अपने बच्चे के भविष्य के लिए काफी चिंतित नज़र आते है. ऐसे में वो कुछ भी कर के अपने बच्चो के लिए बेहतरीन रिजल्ट चाहते है। चाहे बात हो KG 1  की अथवा १२वी  से लेकर कॉलेज स्तर की सबको कुछ एक्स्ट्रा चाहिए ही चहिये।
*आंकड़ो पे नज़र डाले तो आज ट्यूशन इंडस्ट्रीज लाखो-करोडो रुपयो की है.

कैसे शुरुवात करे-
१) आपका क्वालिफिकेशन- यही पहला स्टेज है, मतलब आप जितने ज्यादा पढ़े-लिखे है, उतने ही आपका फोकस होने चाहिए की आप किस केटेगरी के बच्चो को ट्यूशन देते है. बस आपको अपनी पढाई की गुणवत्ता और मार्केटिंग में ध्यान देना होगा. फिर तो कमाई के ज्यादा अवसर होगा।
२) होम ट्यूशन में आप पढाई लिखाई के साथ कंप्यूटर शिक्षा पर जोर दे सकते है, क्योंकि आजकल इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी का जमाना है. और ये बेसिक ट्यूशन के साथ अलग से कंप्यूटर ट्यूशन देके या तो आप पेरेंट्स का ध्यान खीच सकते है, तथा ज्यादा पैसे ले सकते है।
*याद रखे अगर आप कंप्यूटर का बेसिक क्नॉलेज भी रखते है तो, ये आप छोटे बच्चो को सिखा के एक्स्ट्रा इनकम कमा सकते है। और आपके ट्यूशन के प्रति लोगो का ज्यादा से ज्यादा खिंचाव होगा!
३)  इसके लिए आपको ज्यादा माथापच्ची करने की जरुरत नहीं है. बस आपके पास एक छोटा सा मकान रूम चाहिए जो आपके अपने हो सकता है अथवा किराये पे भी लिया जा सका है. आप शुरुवात में कुछ कुर्सी टेबल रखे तो ज्यादा बेहतर होगा. 
४) स्कूलों में पोस्टर पॉम्पलेट्स चिपका के एवं कुछ स्टूडेंट्स को थोड़ा पैसे देके ज्यादा से ज्यादा बच्चो को आप अपनी ट्यूशन क्लास में ले सकते है।
५) अगर आप कोई अन्य नौकरी न करना चाहे तो इसे फुल टाइम ले सकते है,मतलब की आजकल कई प्रतियोगी परीक्षाएं होती है. चाहे वो नवोदय विद्यालय एंट्रेंस हो अथवा केंद्रीय विद्यालय सब में कॉम्पीटीशन  लेवल हाई होता है ऐसे में बच्चो की जरुरत के हिसाब से आप एक्स्ट्रा क्लास ले सकते है. एक्स्ट्रा क्लास मतलब एक्स्ट्रा कमाई.
६) आप गांव में हो य शहर में अगर आप अपने आसपास नज़र डालेंगे तो पाएंगे की कई सरकारी इमारत, जैसे- सामुदायिक भवन य इसके जैसे अन्य जो लगभग साल भर ख़ाली पड़ा होता है. ऐसे में उनका सदुपयोग की बात की जाये तो आप उन भवनों में भी ट्यूशन क्लास का सञ्चालन कर सकते है,  इसके लिए आपको अपने वार्ड पञ्च/सरपंच से बात करना होगा और उनको बताना होगा की ये सबके लिए काफी फायदेमंद है.
७) इस प्रकार से अगर आपके पास ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट्स आएंगे, अब तादाद ज्यादा होने से अगर आपको लगता है कुछ फेरबदल किया जाये तो आप किसी ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स से प्रोजेक्टर ले सकते है. जिससे ज्यादा संख्या में बच्चे होने पर उन्हें पढाने में आसानी होगी। (जोकि मात्र ५००० के आसपास में मिलता है)

कमाई का लेखा जोखा -  

^ अगर आप १० बच्चो से शुरुवात करते है, गांव में तो कम से कम १०*३००= ३००० रूपए महीना
(शहर में ये ज्यादा हो सकता है)
^ साफ़ मतलब है जितने ज्यादा बच्चे उतने कमाई.
^ साथ में कंप्यूटर क्लास से अलग कमाई.
^ पहचान, रुतबा मिले सो अलग.
इस तरह से देखा जाये तो ये कमाई के साथ समाज कल्याण का भी मौका देता है.

Saturday 4 February 2017

LIC से घर बैठे कमाये 5 हजार रूपए महीना।

LIC भारतीय जीवन बीमा कंपनी लिमिटेड, भारत की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है, तथा देश की सबसे बड़ी निवेशक कंपनी भी है। केंद्र सरकार का एक उपक्रम है, और यह पूरी तरह से भारत सरकार के स्वामित्व में है. इसकी स्थापना सन 1956में हुई। इसका मुख्यालय भारत की आर्थिक राजधानी मुम्बई में है। भारतीय जीवन बीमा निगम के आठ आंचलिक कार्यालय और 101 संभागीय कार्यालय भारत के विभिन्न भागो में स्थित है। इसके लगभग 2048 कार्यालय देश के कई शहरो में स्थित है.
*10 लाख से ज्यादा एजेंट्स भारत भर में फैले है.

^ऊपर दी गयी बातो से स्पष्ट होता है की- भारतीय जीवन बीमा निगम यानि की LIC अपने बिजनेस लीडरशिप को बनाये रखने के लिए काफी प्रयासरत है।  ऐसे में आप भी इसके साथ जुड़कर अच्छा-खासा कमाई कर सकते है।
     तो आइये जाने कैसे जुड़े LIC से -
बीमा की बात करे तो आज भी भारत के लगभग आधी आबादी के पास बीमा नहीं है. और ऐसे में गांव की तरफ जाये तो वह की हालात बद से बदतर है। खासकर LIC जैसे सरकारी कंपनी की पहुच गांव में सिमित है अथवा है ही नही.
*ऐसे ही स्तिथि का फायदा उठाकर आजकल कुकुरमुत्ते जैसे कई कंपनिया गाँव का रुख करके गांव वालो का पैसा हड़प ले जा रहे है.
*करोडो-अरबो  रूपए ऐसे कई चिटफंड कंपनिया लूट रहे है, जिनमे शारदा चिटफंड जैसे बड़े घोटाला भी शामिल है.  
ऐसे में अगर LIC के साथ बिजनेस को बढ़ावा दिया जाये तो ये आपके और समाज के लिए बड़ा महत्वपूर्ण कदम साबित होगा.
यहाँ हम आपको LIC  ग्रामीण/शहरी अभिकर्ता बनने के बारे में चरणबद्ध निर्देश दे रहे है- 

१) पात्रता- ग्रामीण के लिए १०वी तथा श्री अभिकर्ता के लिए १२वी उत्तिर्ण अनीवार्य है. और उम्र सीमा १८ रखा गया है।

२) अपने निकटतम शाखा से संपर्क करे और वहां विकास अधिकारी से मिले, शाखा प्रबंधक एक सामान्य इंटरव्यू आयोजित करेंगे और यदि वे ठीक समझते है तो, आपको प्रशिक्षण के लिए विभागीय/ एजेंसी प्रशिक्षण केंद्र भेजा जायेगा।
प्रशिक्षण २५ घंटो की होती है, जिसमे जीवन बीमा व्यवसाय के सभी पक्ष सम्मिलित होते है।  प्रशिक्षण के  सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद आपको पूर्व-लाइसेंस परीक्षा में बैठना होगा, जो भारतीय बीमा विनिमायक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के द्वारा संचालित किया जाता है।
*परीक्षा के सफलता-पूर्वक संपन्न हो जाने के बाद बीमा अभिकर्ता के रूप में कार्य करने के लिए IRDAI के द्वारा आपको लाइसेंस प्रदान किया जायेगा।
आप अपने शाखा कार्यालय द्वारा अभिकर्ता के रूप में नियुक्त किये जायेंगे और आप अपने विकास अधिकारी के अधीन टीम का हिस्सा होंगे। विकास अधिकारी आपको फील्ड प्रशिक्षण और अन्य महत्वपूर्ण इनपुट उपलब्ध कराएँगे, जो आपकी बाजार मे सहायता करेगी।

कौन अभिकर्ता बन सकता है?

निश्चित रूप से आप बन सकते है यदि -
१) यदि आप बहिर्मुखी हो  और आप लोगो से मिलने में दिलचस्पी लेते है.
२) आप स्वव्यवसाय करने की महत्वकांशा रखते हो.
३) आप केवल अपने ग्राहकों को ही अपना बॉस मानना चाहते हो.
४) और आप अपने कार्य के घंटे स्वम निर्धारित करना चाहते हो.
*असीमित कमाई की सम्भावना, एक स्पष्ट कॅरिअर की राह, विशिष्ट विज्ञापनों द्वारा चहुँओर/ चहुमुखी समर्थन, आपका अपना घरेलु परामर्शदाता और विश्वस्तरीय प्रशिक्षण:


A) एक विस्तृत लाभकारी पॅकेज
B) प्रशिक्षण
C) कॅरिअर
D) पुरष्कार और पहचान
E) सरकारी कंपनी का रुतबा
D) 5000 हजार रूपया मासिक वेतन

अगर आपके पास गांव में य कोई अन्य जगह पे छोटा-मोटा व्यवसाय है तो उसके साथ LIC एजेंट बनकर दोगुना लाभ उठा सकते है, क्योंकि आपके पास बिजनेस होने से कई लोग स्व-चल के आपके पास आते है. जिससे आपके पास ज्यादा ग्राहक बनने के चांसेस होते है।
*खासकर गांव में पढ़े लिखे औरतो के लिए ये एक वरदान की तरह है, LIC के द्वारा औरतो के लिए बेहतरीन कमाई के अवसर, आत्मसम्मान एवं स्वविकास की भावना उत्पन्न होने से गांव का भी चहु ऒर विकास निश्चित होती है।

तो आइये आप भी जुड़िये और अपने साथ समाज का भला करिये। 

                       अधिक जानकारी के लिए निम्न नम्बरो पे संपर्क करे- 
                         SMS LICHELP:
                             9222492224  
                   


Thursday 2 February 2017

उषा सिलाई मशीन स्कूल, फायदे की सोच।


भारत में आज भी ग्रामीण इलाको में  ७२% गरीबी के साथ अपने चरम स्तिथि में है. खासकर ग्रामीण महिलाओ की आर्थिक स्तिथी एवं आज़ादी के बारे में क्या कहने. ऐसे में उनके बेहतर वर्तमान व् भविष्य को मजबूती प्रदान करने के लिए उनको सरकारी योजनाओ के साथ-साथ अन्य तरह की कल्याण गतिविधियों में लगाना एक  बेहत्तर प्रयास साबित हो सकता है। 

ऐसे ही एक पहल उषा इंटरनेशनल लिमिटेड कर रही है, जिनका मकसद गांवों में महिलाओ के साथ काम करना एवं उनका सामजिक एवं आर्थिक रूप से सबल बनाना है। 
पिछले 3 वर्षो में अपने सिलाई  स्कूल  कार्यक्रम के माध्यम से उषा इंटरनेशनल देशभर के दूरदराज गांवों तक  पहुची है. इस कार्यक्रम के उद्देश्य ग्रामीण इलाको में सिलाई और सिलाई सिखाने के उद्देश्य के साथ  सामुदायिक आधरित पहल है. जिससे कार्यक्षेत्र के भीतर काम एवं रोजगार दिलाना एवं आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है. 
फरवरी २०१५ को उषा इंटरनेशनल लिमिटेड अपने ४८ NGO  सहयोगियों के साथ साझेदारी में सभी २९ राज्यो मे 10185 सिलाई संचालित है. ग्रामीण महिलाओ को एक सिलाई मशीन, पाठ्यक्रम एवं एक साइनेज प्रदान की गयी है. जिनसे ३६००० से अधिक प्रशिक्षण ले चुकी है एवं, लगभग 8000 प्रशिक्षु रोज इस काम में लगे है. 
*इस कार्यक्रम से एक सिलाई मशीन स्कूल के जरिये कम से कम 3000 रूपए से लेकर अधिकतम 18000 रूपए तक की कमाई कर रहे है. जो महिलाओ में कुशलता,आत्मनिर्भरता एवं आत्मविश्वास जगा रहा है. 
सिलाई मशीन के माध्यम से गांव में भी सकारत्मक माहौल पैदा हो रहा है. 
कंपनी का लक्ष्य भारत के लगभग 9000 गांव में सेटेलाइट के माध्यम से सिलाई स्कूल का संचालन करना है. 
उषा इंटरनेशनल सिलाई स्कूल के माध्यम से गांवों में महिला सशक्तिकरण एवं आर्थिक रूप से उनको  स्वतन्त्र बनाने के दिशा में एक पहल कर रहा है.

तथा इसके जरियो रोजगार के अन्य  संसाधनों को देखते हुए उषा सील मशीन स्कूल  के माध्यम से डिप्लोमा अथवा सर्टिफिकेट्स भी प्रदान कर रहा है. जो रोजगार के दृष्टि से किसी भी सरकारी व् गैरसरकारी कार्यो के लिए पंजीकृत है. 
कुछ बेहतरीन उदाहरण एवं फायदे-
उषा सिलाई स्कूल इसके साथ ही आपके बिजनेस मॉडल को सरंक्षित भी करता है. 
१) सिलाई स्कूल से तैयार क्राफ्ट को बेचने का कार्य करता है. 
२) सिलाई स्कूल प्रबंधको को साथ में कई लाभ भी. 
३) स्कूल में स्कर्ट, मोबाइल पाउच खिलौने इत्यादि बनाने का कार्य भी किया जा सकता है. 
४) इनको बेचने के लिए मार्किट उपलब्ध करता है. 
और कई प्रकार के फायदे है.
*ऐसे में अगर आप भी सिलाई प्रशिक्षण से अपना एवं समाज का भला करना चाहते है तो निम्न पते पर संपर्क किया जा सकता है-
                                    कोठारी बंधू रोड, ब्लॉक E , राजाजीपुरम,
                                      लखनऊ , उत्तर प्रदेश-226017 
                                      कांटेक्ट- उदय खैरना 09922366121   











Wednesday 1 February 2017

अगरबत्ती एक सफल उद्योग, कैसे लगाये?

अगरबत्ती का व्यपार काफी सफल बिजनेस है. चुकी हमारे देश में विविध प्रकार के धर्म है. ऐसे में पूजा के लिए  सामान्य से लेकर ख़ास प्रकार की अगरबत्ती की जरुरत रोजमर्रा की जीवन में होती है.अगरबत्ती का  स्वरोजगार आजकल खूब फल फूल रहा है. यह वह उद्योग है, जिसको ज्यादातर महिलाये चलाती है अथवा  चला सकती है।
*ऐसी महिलाओ की तादाद ज्यादा  है, जो शादी के बाद इस बिजनेस से जुडी हो.
*अगरबत्ती की जरुरत हर  घर में होती है.
घर बैठी महिलाओ का यह व्यापार उम्दा आय की जरिया बन चुका है. अगरबत्ती का पैकेट जो पहले २-५ रुपये में मिलता था, वह अब ५-१०-२० रूपए में आती है. इनमे भी कई वैरायटी होती है जो सौ रूपए से भी ज्यादा में आती है.
 

कैसे बनाये अगरबत्ती?
अगरबत्ती का उद्योग लगाने के लिए आपको किसी भी शैक्षणिक योग्यता की आवस्यकता नहीं होती है, लेकिन अगरबत्ती के बारे में मूलभूत जानकारी, बाजार की जानकारी इत्यादि आवश्यक है.

अगरबत्ती निर्माण की प्रक्रिया काफी सरल है. इसे बनाने में जो कच्चे माल उपयोग में आते है वो - 
१) लकड़ी २) सफ़ेद चन्दन ३) लकड़ी का कोयला(चारकोल), राल तथा गुग्गल आदि। 
इनमे सर्वप्रथम चन्दन तथा लकड़ी के कोयले को अछि तरह से पीस लिया जाता है. इसके उपरांत गुग्गल को पानी में मिला करके खरल करके उसकी लेई बना ली जाती है. इसके उपरांत इसमें पिसा हुआ सफ़ेद चन्दन रॉल  तथा लकड़ी का कोयला मिला दिया जाता है.इस प्रकार ये मसाला तैयार हो जाता है. 
इस गुथे हुए मसलो को बांस के सीको पे लगाया जाता है. और इसे सूखा दिया जाता है. 
*इसको सुगन्धित बनाने के लिए इसमें कई प्रकार का सुगन्धित द्रव्य मिला दिया जाता है.


*अगरबत्ती उद्योग लगा के आप दुसरो को भी रोजगार दे सकते है- 
इस उद्योग को आप अपने घर के लोगों से शुरू करके अन्य सदस्यो को भी जोड़ सकते है,चाहे तो इसे मध्यम उद्योग का भी रूप दे सकते है. 

*अगरबत्ती बनाने का मशीन-
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आजकल इसके मशीन भी प्रचलन में है. चाहे तो इसे लेकर ज्यादा से ज्यादा अगरबत्ती तैयार कर सकते है तथा बेच भी सकते है.
यहाँ हम आपको कुछ नम्बर पता दे रहे है जिसके माध्यम से आप अगरबत्ती बनाने का मशीन ले सकते है-


                   सोहम इंडस्ट्रीज़ मशीनरी लिमिटेड 
                              सूरत, गुजरात 
                   contact detail - 08373905506 
  
     

Monday 30 January 2017

10 हजार में बिज़नस कैसे करे?

यदि आपको आपके मन मुताबिक जॉब नहीं मिल रही है तो, निराश होने की कोई जरुरत नहीं. आपके पास बिजनेस करने का भी ऑप्शन है। कई ऐसे छोटे छोटे बिजनेस है, जिसके लिए लाखो रुपये की इन्वेस्टमेंट की जरुरत नहीं होती है। 

*कुछ बिजनेस ऐसे भी है, जिसे आप थोड़े से रूपए मे भी स्टार्ट कर सकते है। जिससे हर महीने आपको अच्छी इनकम हो सकती है। 

आइये जाने ऐसे कुछ बिजनेस के बारे में-

A) मिनरल वाटर सप्लायर का बिजनेस- 


इस बिजनेस को आप दस हजार रूपए में स्टार्ट कर सकते है. आजकल  हर छोटे बड़े शहरो में RO  और मिनरल वाटर का डिमांड बढ़ रही है। इसे देखते हुए यह अच्छा ऑप्शन है. इस बिजनेस के जरिये खास कर गर्मियों में आप अच्छी खासी कमाई कर सकते है।

B) कोल्ड्रिंक और स्नेक बेचने का बिजनेस-




आज लगभग हर घर में रोजाना कोल्ड्रिंक्स और स्नेक्स की खपत होती है. यह आजकल की लाइफस्टाइल का हिस्सा बन गया है। यह कोल्डड्रिंक और स्नेक बेचने का बिजनस आप 8 से 10 हजार रूपए में स्टार्ट कर सकते है।

C) बेकरी प्रोडक्ट्स का बिजनेस-


ब्रेड, बन, पिज़्ज़ा, टोस्ट, आइसक्रीम टोस्ट,पाँव, कुकीज़ ऐसे है जिसकी हर घर में डिमांड होती है. ऐसे बेकरी प्रोडक्ट  बिजनेस आप 10 हजार रूपए में स्टार्ट  कर  सकते है। 

D) टेलरिंग का बिजनेस-


गारमेंट टेलरिंग बिजनेस के लिए जरुरी है की आपके पास खुद इसका हुनर हो. और आप बाजार के बारे में जानकारी रखते हो. बिजनेस आप 10 हजार रूपए में स्टार्ट  कर सकते है, बस आपके पास छोटे सी जगह होना चाहिए जिसमे की आप यह बिजनेस स्टार्ट कर सके. एक बार आपने इस बिजनेस में कदम रख लिया तो आप अच्छा खासा इनकम कमा सकते है।

E) प्लांट नर्सरी का बिजनेस-


आजकल के मॉडर्न लाइफस्टाइल में घर के अंदर पेड़ पौधे बोने  य रखने का क्रेज कुछ ज्यादा  है. ज्यादातर लोगो के घरो में इतना जगह या समय नहीं होता की वो घर में ही प्लांट  लगा सके. ऐसे में लोग प्लांट नर्सरी पे निर्भर रहते है. 
प्लांट नर्सरी से घर को सजाया संवारा जाता है. यह एक सफल बिजनेस है. इसको आप 5  से 10 हजार रुपये से शुरू कर  सकते है। 

#छोटे बिजनेस शुरू करने के लिये भारत सरकार के  MSME (micro small and  medium  enterprises) विभाग कई स्किम के तहत लोन व् सब्सिडी देती है. ऐसे में आप सरकारी हेल्पलाइन-


                                         उद्यमी मित्र- १८०-१८-६७६३ पर कॉल कर सकते है.            

Thursday 26 January 2017

जन औषधि सेंटर(मेडिकल स्टोर)कैसे खोले??

#जन औषधि योजना भारत सरकार के अति-महत्वकांशी योजना है, जिसको केंद्रीय औषधि विभाग द्वारा  संचालित जाता है. जिसका मकसद देश में उच्च गुणवत्ता युक्त साधारण(generic ) दवाइयों को  उचित य सस्ते दामो पर जनता को उपलब्ध कराना है।देश में अभी 184 स्टोर्स खोले जा चुके है. और यह निरंतर  जारी है।




*3000  नए जन  औषधि सेंटर खोलेगी केंद्र सरकार इस साल तक-2017  में.
*जन  औषधि सेंटर में 425 से अधिक दवाइयां उपलब्ध है.
*भारत सरकार का लक्ष्य कम से कम देशभर के 707 जिलो में जन औषधि सेंटर खोलने का लक्ष्य है.

                                   ^जेनेरिक दवाइयां ( GENERIC MEDICINE ) क्या है?

                               
यह भारत सरकार का बिना ब्रांड का औषधि है.(हालाँकि चिकित्सकीय मानदंडों के अनुसार ये दवाइयां भी नामी दवाइयों की भांति प्रभावी और सुरक्षित है) , लेकिन इसकी कीमत नामी(BRANDED) दवाइयों से काफी सस्ती है. इन दवाइयों के खरीदी-बिक्री पर BPPI (ब्यूरो ऑफ़ फार्मा PSU's) का नियंत्रण रहता है. यह एक सरकारी संस्था है।

                                                             ^औषधि के गुणवत्ता-

                                              
जेनेरिक दवाइयों को जन औषधि सेण्टर में भेजने से पहले इसको  NABAL (केंद्रीय संस्थान) में  परिक्षण किया जाता है।
*जन औषधि में आपको फायदा ये है की आपको अन्य दवाइयों के मुकाबले सस्ती अवं बढ़िया दवाइयां मिलता है.

                                                            ^जन औषधि में खरीदी -

                                                      

    यहाँ आप सीधे दवाइयां ले सकते है, (जिसमे डॉक्टर की पर्ची अनिवार्य न हो)

*हालाँकि आपको नियमित दवाइयों के लिए डॉक्टर की पर्ची अनिवार्य होगी ।
अभी जन औषधि  सेंटर में केवल केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपकरणों से उत्पादित दवाइयां ही भेजी जा रही है , लेकिन इस उपकरणों में सारी 425  दवाइयों का उत्पादन नहीं हो पता है तो ऐसे में निजी क्षेत्र से भी जन औषधि सेंटर के लिए समस्त मानको को ध्यान में रख कर दवाइयां भेजी जा रही है।

                                             ^जन औषधि स्टोर कौन खोल सकता है?

*कोई भी गैर सरकारी संगठन अर्थात NGO, राज्यो द्वारा आधिरित सहकारी समिति।
(ऐसे संगठनों को राज्य सरकार द्वारा हास्पिटल में जन औषधि सेंटर खोलने के लिए मुफ्त में जगह दी जाएगी)

*कोई भी गैर सरकारी संगठन/संस्था/ट्रस्ट/स्व-सहायता समूह जिसे जन कल्याण गतिविधियों  का कम से कम 3 सालो का अनुभव हो. वो भी अपना जन औषधि सेंटर खोल सकते है.

*कोई भी व्यक्ति, फार्मासिस्ट, डॉक्टर,चिकित्सक, इसके पास जन औषधि सेंटर खोलने के लिए जगह और वित्तीय क्षमता  हो वो भी जन औषधि सेंटर खोल सकता है।
*सरकार के नयी गाइड लाइन में सबको जन औषधि सेंटर खोलने का मौका मिलेगा।

                                          ^जन औषधि सेंटर खोलने से मिलने वाले लाभ -


*सरकार ने पहले साल इंसेंटिव तय कर दिया है.
*दवाइयों की छपी हुयी कीमत से 16% का मार्जिन.
*रूपए 2 लाख तक की वन टाइम वित्तीय सहायता।
*रूपए 50000 कंप्यूटर और अन्य सामग्री खरीदने के लिए.
*जन औषधि सेंटर संचालक को 12 महीनो तक उसकी सेल की 10% अतिरिक्त इंसेंटिव दिया जायेगा, जो अधिक से अधिक 10000 रूपर हर महीना होगा.
*पूर्वोत्तर राज्यो/आदिवासी इलाको/नक्सल प्रभावित इलाके में यह इंसेंटिव राशि 15000 हजार रुपये हर महीने की होगी.
 

                                            ^जन औषधि स्टोर खोलने के लिए जरूरते-


*आवेदनकर्ता का पंजीकरण नंबर आवेदन करते समय फार्म में भरा जायेगा.
*आवेदनकर्ता को अपनी बैंक स्टेटमेंट् दिखानी पड़ेगी,जिस खाते का आवेदनकर्ता ने पिछले तीन सालो से रख रखाव किया हो.
*आवेदक के पास 120 वर्ग फुट का एरिया खुद का अथवा किराये से होने चाहिए.
*आवेदक के पास TIN (tax identification  number) होने चाहिए.

                                   ^जन औषधि सेंटर खोले के लिए कैसे करे आवेदन-


जो भी व्यक्ति स्टोर खोलना चाहता है उसे -  http://janaushadhi.gov.in  में जाकर फार्म डाउनलोड कर सकता है. उसे अपने भरे हुए फार्म को २००० रूपए के डिमांड ड्राफ्ट के साथ इस पते पर भेजना होगा-
                                   जनरल मेनेजर (A&F)
               ब्यूरो ऑफ़ फार्मा पब्लिक सेक्टर, अंडर  टेकिंग ऑफ़ इंडिया
                IDPL कॉर्पोरेट ऑफिस, IDPL  काम्प्लेक्स पुरानी  दिल्ली
                गुड़गांव रोड, दूनडाहेड़ा  हरियाणा - 122016  

Tuesday 24 January 2017

मेडिकल स्टोर कैसे खोले??

इंडिया में फार्मेसी अथवा मेडीकल  स्टोर बिजनेस काफी तरक्की करने वाला है! क्योंकि इसमें मंदी अथवा अन्य कोई और आर्थिक घटनाओ का इसके कमाई में ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. क्योंकि कोई व्यक्ति स्वाथ्य के साथ कोई समझौता नहीं कर सकता! चूँकि फार्मेसी बिजनेस में ज्यादा खर्च न आने  एवं इसके व्यापक मांग और कम लागत में ज्यादा से ज्यादा मुनाफा को देखते हुए हम कह सकते है की आज के दौर में मेडिकल स्टोर्स की मांग ज्यादा बढ़ गयी है.

तो आईये हम जाने की मेडिकल स्टोर खोलने के लिए किन-किन प्रक्रियाओ से गुजरना पड़ता है-


  इंडिया में फार्मेसी बिजनेस या अपनी मेडिकल शॉप खोलने के लिए बिजनेस रजिस्ट्रेशन सबसे महत्वपूर्ण चरण है. इस बिजनेस के रेजिस्ट्रेशन प्रोसेस को निम्न चार भागो में बताया जा रहा है-


स्टेप १ - हॉस्पिटल फार्मेसी>

हास्पिटल pharmecy  से हमारा आशय  उस मेडिकल शॉप से है, जो किसी हास्पिटल के अंदर होती है । 
और  हॉस्पिटल के अंदर  मरीजो के लिए दवाइयों की बिक्री करता हैं। यह दवाई दूकान हॉस्पटल से अनुबंधित  है!

स्टेप २-  शहरवासी (Township) फार्मेसी>


इस चरण के अन्तर्गत वह व्यक्ति अपनी मेडिकल स्टोर्स का रजिस्ट्रेशन करता है, जो किसी  बस्ती अथवा इलाके में अपनी  मेडिकल शॉप खोलना चाहता  है। और बस्ती में निवासित लोगो का दवाइयों अथवा  स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करता है। 

स्टेप ३- चैन फार्मेसी >


इसके अन्तर्गत बड़े-बड़े उद्योग घराने देश के समस्त  क्षेत्र  अथवा अथवा कई जगहों शहरो में मेडिकल स्टोर्स की  श्रृंखला  खोली जाती है।  प्रमुख नाम है-
१ ) अप्पोलो फार्मेसी २) डॉबर फार्मेसी ३) रेड क्रॉस सोसाइटी जैसे राष्ट्रिय एवं  अंतरराष्ट्रीय  नाम शामिल है। 

स्टेप ४- stand alone pharmecy >


इस बिजनेस के अन्तर्गत ऐसे लोगो का रजिस्ट्रेशन किया जाता है, जो रिहायसी इलाको में अपनी बिजनेस खोलना चाहते है। गली मोहल्ले अथवा गांव में जो मेडिकल स्टोर्स खुले होते है, वो इसी के अन्तर्गत आता है। 

                                                  *अब आते है मुख्या बिंदुओं  पर >


TAX  REGISTRATION :  फार्मेसी के बिजनेस के लिए इंडिया के किसी भी राज्य में वैल्यू एडेड टैक्स (VALUE  ADDED  TAX ) के अन्तर्गत TAX  का रजिस्ट्रेशन करा  सकते है। चुकी VAT  टैक्स राज्य सरकार के अन्तर्गत आता है। इसलिए अपने बिजनिस का रजिस्ट्रेशन करने के लिए राज्य के VAT  अथवा इनकम टैक्स    सकता है। 

                                                 *फार्मेसी बिजनेस के लिए ड्रग  लाइसेंस> 


ड्रग लाइसेंस लेना इस बिज़नेस की सबसे  बड़ी प्रक्रिया है। और यह लाइसेंस केंद्र और राज्य  औषधि मानक नियंत्रण संग़ठन द्वारा ज़ारी किया जाता है। जारी किये जाने वाले लाइसेंस दो प्रकार के होते है-
 १) RETAIL DRUG LICENCE- दवाइयों के फूटकर विक्रेता को यह लाइसेंस जारी किया  है। 
 २) WHOLE  SALE  DRUG  LICENCE- दवाइयों के थोक विक्रेता को यह लाइसेंस जारी किया जाता है। 

योग्यता- इन लाइसेंसों के लिए योग्यता किसी मान्यता प्राप्त संसथान से फार्मेसी में डिप्लोमा अथवा डिग्री होना आवश्यक होता है। 

*लोक्रप्रिय योग्यता- वैसे तो मेडिकल स्टोर्स बिजनेस के लिए ऊपर दी  गयी योग्यता मान्य होती है, लेकिन हम यहाँ आपको बता दे की भारत में ज्यादातर मेडिकल स्टोर्स - अपने किसी परिचित, रिश्तेदार अथवा दोस्त के डिग्री को इस्तेमाल करके भी खोली जाती है/ खोल सकते है.(जिसके बदले में मामूली पैसे देकर वह अपने नाम से लाइसेंस लेकर किसी और को दे सकता है। ) 

                                                   *GUIDELINE:


*यदि कोई व्यक्ति मेडिकल शॉप खोलना चाहता हो तो, उसके पास  काम से काम १० स्क्वायर मीटर जगह होनी ही चाहिये। जबकि वह फूटकर और थोक दोनों के माध्यम से दवाइया बेचना चाहता है तो, जगह कम से कम  १५ मीटर होनी चहिये।     

*मेडिकल शॉप में एक स्टोर होना चाहिए और स्टोर में रेफ्रिजरेटर, ऐयरकंडीशन  जरूर होने चहिये। क्योंकि बहुत से दवाइया, इंजेक्शन, इन्सुलिन इत्यादि ऐसे होते है, जिनको फ्रीज में रखना अनिवार्य होता है। 

*किसी सर्टिफिकेट प्राप्त  फार्मासिस्ट के सम्मुख ही थोक में दवाइयां  बेचीं जा सकती है। अथवा कोई ऐसे अन्य ग्रेजुएट जो काम से काम एक वर्ष की दवाइयों के क्षेत्र में अनुभव प्राप्त हो। 

*फूटकर में दवाइयां बेचते समय  भी  सर्टिफाइड फार्मासिस्ट का होना जरुरी  है।  कार्य-शील घंटो में मेडिकल स्टोर्स में फार्मसिस्ट का होना जरुरी है। 

                              

                                               *ड्रग लाइसेंस के लिए आवश्यकक दस्तावेज -


*आवेदन पत्र। 
*आवेदक का नाम, पद और हस्ताक्षर किया हुआ कवर लेटर। 
*ड्रग लाइसेंस के हेतु  फीस जमा किया हुआ चालान।   
*बिजनेस प्लान की कॉपी।
*जगह का मालिकाना अधिकार का आधार।
*यदि जगह किराये से है तो स्वामित्व  का प्रमाण-पत्र। 
*रजिस्टर्ड फर्मिसिस्ट का शपथ पत्र। 
*यदि कोई फार्मासिस्ट नौकरी पर रखा गया है तो उसका नियुक्ति पत्र।

#उपाय: चुकी इंडिया में मेडिकल स्टोर्स अथवा फार्मेसी बिजनेस करने हेतु  ड्रग लाइसेंस लेने के लिए  योग्यता फार्मा से सम्बंधित डिप्लोमा अथवा डिग्री की आवश्यकता होती है. इसलिए इंडिया में लोग अपने: सगे- सम्बन्धियो, दोस्त अथवा जान-पहचान में से कोई ऐसे व्यक्ति ढूंढते है जिसने फार्मेसी से सम्बंधित शिक्षा ग्रहण  की हो. फिर उसके नाम से लाइसेंस लेकर मेडिकल स्टोर्स का सञ्चालन करते है. 

लेकिन ये तभी सही है जब आपको मेडिकल दवाइयों से सम्बंधित अच्छा खास ज्ञान हो  अथवा जरुरी  क्नॉलेज हो, लेकिन फार्मेसी में सम्बंधित  डिग्री या डिप्लोमा न होने से वह मेडिकल स्टोर का बिजनेस स्टार्ट नहो कर पा रहा हो. 
टिप १ : वैसे ये उपाय व्यावहारिक दृष्टिकोण से सही नहीं है, तो आप किसी के नाम से भी ड्रग  लाइसेंस ले परंतु आपको चाहिए  की आपको दवाइयों के बारे में जानकारी जरूर हो. 
A ) वार्ना कभी गलत  दवाइया किसी मरीज को  दिया जाये तो खतरनाक हो सकता है. 
B ) और ये निसंदेह बिजनेस के लिए हानिकारक हो सकता  है.