दोस्तों आज हम आपको बताने जा रहे है इस तेजी से बढ़ती हुयी इंडस्ट्रीज मतलब शिक्षा का व्यापर के बारे में। जी हाँ दोस्तों आजकल के प्रतियोगिता वाले इस युग में शिक्षा केवल एक शिक्षा न रहकर बहुत बड़े पैमाने पर व्यापार बन के उभरा है।
अगर हम भारत अथवा विश्व की बात करे तो टॉप- ३ में शिक्षा का व्यवसाय है।
तो आइये जाने शिक्षा के इस व्यापर में कैसे उतरे?
*ट्यूशन देने के कई प्रकार है, जिन्हें हम यहाँ बताएँगे-
होम ट्यूशन - आजकल गांव हो य शहर गली मोहल्ले सब जगह के लोग इस प्रतियोगी दुनिया से वाकिफ है. और पेरेंट्स अपने बच्चे के भविष्य के लिए काफी चिंतित नज़र आते है. ऐसे में वो कुछ भी कर के अपने बच्चो के लिए बेहतरीन रिजल्ट चाहते है। चाहे बात हो KG 1 की अथवा १२वी से लेकर कॉलेज स्तर की सबको कुछ एक्स्ट्रा चाहिए ही चहिये।
*आंकड़ो पे नज़र डाले तो आज ट्यूशन इंडस्ट्रीज लाखो-करोडो रुपयो की है.
कैसे शुरुवात करे-
१) आपका क्वालिफिकेशन- यही पहला स्टेज है, मतलब आप जितने ज्यादा पढ़े-लिखे है, उतने ही आपका फोकस होने चाहिए की आप किस केटेगरी के बच्चो को ट्यूशन देते है. बस आपको अपनी पढाई की गुणवत्ता और मार्केटिंग में ध्यान देना होगा. फिर तो कमाई के ज्यादा अवसर होगा।
२) होम ट्यूशन में आप पढाई लिखाई के साथ कंप्यूटर शिक्षा पर जोर दे सकते है, क्योंकि आजकल इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी का जमाना है. और ये बेसिक ट्यूशन के साथ अलग से कंप्यूटर ट्यूशन देके या तो आप पेरेंट्स का ध्यान खीच सकते है, तथा ज्यादा पैसे ले सकते है।
*याद रखे अगर आप कंप्यूटर का बेसिक क्नॉलेज भी रखते है तो, ये आप छोटे बच्चो को सिखा के एक्स्ट्रा इनकम कमा सकते है। और आपके ट्यूशन के प्रति लोगो का ज्यादा से ज्यादा खिंचाव होगा!
३) इसके लिए आपको ज्यादा माथापच्ची करने की जरुरत नहीं है. बस आपके पास एक छोटा सा मकान रूम चाहिए जो आपके अपने हो सकता है अथवा किराये पे भी लिया जा सका है. आप शुरुवात में कुछ कुर्सी टेबल रखे तो ज्यादा बेहतर होगा.
४) स्कूलों में पोस्टर पॉम्पलेट्स चिपका के एवं कुछ स्टूडेंट्स को थोड़ा पैसे देके ज्यादा से ज्यादा बच्चो को आप अपनी ट्यूशन क्लास में ले सकते है।
५) अगर आप कोई अन्य नौकरी न करना चाहे तो इसे फुल टाइम ले सकते है,मतलब की आजकल कई प्रतियोगी परीक्षाएं होती है. चाहे वो नवोदय विद्यालय एंट्रेंस हो अथवा केंद्रीय विद्यालय सब में कॉम्पीटीशन लेवल हाई होता है ऐसे में बच्चो की जरुरत के हिसाब से आप एक्स्ट्रा क्लास ले सकते है. एक्स्ट्रा क्लास मतलब एक्स्ट्रा कमाई.
६) आप गांव में हो य शहर में अगर आप अपने आसपास नज़र डालेंगे तो पाएंगे की कई सरकारी इमारत, जैसे- सामुदायिक भवन य इसके जैसे अन्य जो लगभग साल भर ख़ाली पड़ा होता है. ऐसे में उनका सदुपयोग की बात की जाये तो आप उन भवनों में भी ट्यूशन क्लास का सञ्चालन कर सकते है, इसके लिए आपको अपने वार्ड पञ्च/सरपंच से बात करना होगा और उनको बताना होगा की ये सबके लिए काफी फायदेमंद है.
७) इस प्रकार से अगर आपके पास ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट्स आएंगे, अब तादाद ज्यादा होने से अगर आपको लगता है कुछ फेरबदल किया जाये तो आप किसी ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स से प्रोजेक्टर ले सकते है. जिससे ज्यादा संख्या में बच्चे होने पर उन्हें पढाने में आसानी होगी। (जोकि मात्र ५००० के आसपास में मिलता है)
कमाई का लेखा जोखा -
^ अगर आप १० बच्चो से शुरुवात करते है, गांव में तो कम से कम १०*३००= ३००० रूपए महीना
(शहर में ये ज्यादा हो सकता है)
^ साफ़ मतलब है जितने ज्यादा बच्चे उतने कमाई.
^ साथ में कंप्यूटर क्लास से अलग कमाई.
^ पहचान, रुतबा मिले सो अलग.
इस तरह से देखा जाये तो ये कमाई के साथ समाज कल्याण का भी मौका देता है.
अगर हम भारत अथवा विश्व की बात करे तो टॉप- ३ में शिक्षा का व्यवसाय है।
तो आइये जाने शिक्षा के इस व्यापर में कैसे उतरे?
*ट्यूशन देने के कई प्रकार है, जिन्हें हम यहाँ बताएँगे-
होम ट्यूशन - आजकल गांव हो य शहर गली मोहल्ले सब जगह के लोग इस प्रतियोगी दुनिया से वाकिफ है. और पेरेंट्स अपने बच्चे के भविष्य के लिए काफी चिंतित नज़र आते है. ऐसे में वो कुछ भी कर के अपने बच्चो के लिए बेहतरीन रिजल्ट चाहते है। चाहे बात हो KG 1 की अथवा १२वी से लेकर कॉलेज स्तर की सबको कुछ एक्स्ट्रा चाहिए ही चहिये।
*आंकड़ो पे नज़र डाले तो आज ट्यूशन इंडस्ट्रीज लाखो-करोडो रुपयो की है.
कैसे शुरुवात करे-
१) आपका क्वालिफिकेशन- यही पहला स्टेज है, मतलब आप जितने ज्यादा पढ़े-लिखे है, उतने ही आपका फोकस होने चाहिए की आप किस केटेगरी के बच्चो को ट्यूशन देते है. बस आपको अपनी पढाई की गुणवत्ता और मार्केटिंग में ध्यान देना होगा. फिर तो कमाई के ज्यादा अवसर होगा।
२) होम ट्यूशन में आप पढाई लिखाई के साथ कंप्यूटर शिक्षा पर जोर दे सकते है, क्योंकि आजकल इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी का जमाना है. और ये बेसिक ट्यूशन के साथ अलग से कंप्यूटर ट्यूशन देके या तो आप पेरेंट्स का ध्यान खीच सकते है, तथा ज्यादा पैसे ले सकते है।
*याद रखे अगर आप कंप्यूटर का बेसिक क्नॉलेज भी रखते है तो, ये आप छोटे बच्चो को सिखा के एक्स्ट्रा इनकम कमा सकते है। और आपके ट्यूशन के प्रति लोगो का ज्यादा से ज्यादा खिंचाव होगा!
३) इसके लिए आपको ज्यादा माथापच्ची करने की जरुरत नहीं है. बस आपके पास एक छोटा सा मकान रूम चाहिए जो आपके अपने हो सकता है अथवा किराये पे भी लिया जा सका है. आप शुरुवात में कुछ कुर्सी टेबल रखे तो ज्यादा बेहतर होगा.
४) स्कूलों में पोस्टर पॉम्पलेट्स चिपका के एवं कुछ स्टूडेंट्स को थोड़ा पैसे देके ज्यादा से ज्यादा बच्चो को आप अपनी ट्यूशन क्लास में ले सकते है।
५) अगर आप कोई अन्य नौकरी न करना चाहे तो इसे फुल टाइम ले सकते है,मतलब की आजकल कई प्रतियोगी परीक्षाएं होती है. चाहे वो नवोदय विद्यालय एंट्रेंस हो अथवा केंद्रीय विद्यालय सब में कॉम्पीटीशन लेवल हाई होता है ऐसे में बच्चो की जरुरत के हिसाब से आप एक्स्ट्रा क्लास ले सकते है. एक्स्ट्रा क्लास मतलब एक्स्ट्रा कमाई.
६) आप गांव में हो य शहर में अगर आप अपने आसपास नज़र डालेंगे तो पाएंगे की कई सरकारी इमारत, जैसे- सामुदायिक भवन य इसके जैसे अन्य जो लगभग साल भर ख़ाली पड़ा होता है. ऐसे में उनका सदुपयोग की बात की जाये तो आप उन भवनों में भी ट्यूशन क्लास का सञ्चालन कर सकते है, इसके लिए आपको अपने वार्ड पञ्च/सरपंच से बात करना होगा और उनको बताना होगा की ये सबके लिए काफी फायदेमंद है.
७) इस प्रकार से अगर आपके पास ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट्स आएंगे, अब तादाद ज्यादा होने से अगर आपको लगता है कुछ फेरबदल किया जाये तो आप किसी ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स से प्रोजेक्टर ले सकते है. जिससे ज्यादा संख्या में बच्चे होने पर उन्हें पढाने में आसानी होगी। (जोकि मात्र ५००० के आसपास में मिलता है)
कमाई का लेखा जोखा -
^ अगर आप १० बच्चो से शुरुवात करते है, गांव में तो कम से कम १०*३००= ३००० रूपए महीना
(शहर में ये ज्यादा हो सकता है)
^ साफ़ मतलब है जितने ज्यादा बच्चे उतने कमाई.
^ साथ में कंप्यूटर क्लास से अलग कमाई.
^ पहचान, रुतबा मिले सो अलग.
इस तरह से देखा जाये तो ये कमाई के साथ समाज कल्याण का भी मौका देता है.
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